रविवार, 29 जनवरी 2012


गजल@प्रभात राय भट्ट

             
             गजल  
मिथिलाक पाहून भगवान श्रीराम छै
जग में सब सं सुन्दर मिथिलाधाम छै
 
मिथिलाक मईट सं अवतरित सीता
जग में सब सं सुन्दर हुनक नाम छै
 
मिथिलाक शान बढौलन महा विद्द्वान
कवी कोकिल विद्यापति हुनक नाम छै
 
भS जाएत अछि सम्पूर्ण पाप तिरोहित
मिथिला एकटा पतित पावन धाम छै
 
भेटत नै एहन अनुपम अनुराग
प्रेम परागक  कस्तूरी मिथिलाधाम छै
 
घुमु अमेरिका अफ्रीका लन्दन जापान
जग में नै कोनो दोसर मिथिलाधाम छै
 
मिथिला महातम एकबेर पढ़ी  जनु
मिथिला सं पैघ नै कोनो दोसर धाम छै
 
जतय भेटत कमला कोशी बलहान
अयाचिक दलान,वही मिथिलाधाम छै
 
गौतम कपिल कणाद मंडन महान
प्रखर विद्द्वान सभक मिथिलाधाम छै
 
ऋषि मुनि तपश्वी  तपोभूमि अहिठाम छै
"प्रभात"क गाम महान मिथिलाधाम छै
.............वर्ण:-१५...........
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

शुक्रवार, 27 जनवरी 2012


गजल @प्रभात राय भट्ट

       गजल
हम अहां केर  प्रीतम नहि बनी सक्लहूँ
मुदा अहांक करेजक दर्द बनी गेलहुं

अहां हमर प्रेम दीवानी बनल रहलौं
हम अहांक दीवाना नहि बनी सक्लहूँ

अहां हमर प्रेम उपासना करैत गेलौं
हम आनक वासना शिकार बनी गेलहुं 

अहांक कोमल ह्रदय तडपैत रहल
हम बज्र पाथर केर मूर्ति बनी गेलहुं 

हम अहांक निश्च्छल प्रेम जनि नै सकलौं
अनजान में हम द्गावाज बनी गेलहुं 

आब धारक दू किनार कोना मिलत प्रिये
मजधार में हम नदारत बनी गेलहुं
................वर्ण:-१६ ...............
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

मंगलवार, 24 जनवरी 2012


गजल@प्रभात राय भट्ट

                    गजल
आई हमर मोन एतेक उदास किये
सागर पास रहितों मोनमें प्यास किये

निस्वार्थ प्रेम  ह्रिदयस्पर्श केलहुं नहि
आई मोनमे बहै बयार बतास किये   

हम प्रगाढ़ प्रेमक प्राग लेलहुं नहि 
आई प्रीतम मोन एतेक हतास किये  

प्रेम  स्नेह  सागर  हम  नहेलहूँ नहि 
आई प्रेम मिलन ले मोन उदास किये   

हम मधुर मुस्कान संग हंस्लहूँ नहि   
आई दिवास्वपन एतेक मिठास किये  

"प्रभात" संग पूनम आएत आस किये  
नहि आओत सोचिक मोन उदास किये  
.................वर्ण-१५............................
रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

रविवार, 22 जनवरी 2012

Tulasi Prasad Lamsal Uyfm

नेपालीय हुनलाई...
~सीके लाल~

के हुनुपर्छ, र के गर्नुपर्छ नेपालीय हुनलाई? प्रश्न असाध्य असजिला छन। सम्भावित उत्तरहरू झनै व्याकुलता उत्पन्न गराउने किसिमका। पुराना निश्चितताहरू कुनै बाँकी छैनन्। ४ जेठ २०६३ को संसदीय घोषणापछी हिन्दु अधिराज्य नेपाल सांसारिक राज्यमा परिणत भयो। संविधानसभाको १५ जेठ २०६५ को निर्णयले नेपालबाट शाह वंशको राजतन्त्रलाई बिदा गरेर गणतान्त्रिक शासन व्यवस्था अँगाल्ने प्रण गर्यो। अ...न्तरिम संविधान २०६३ अनुसार नेपाललाई संघीय लोकतान्त्रिक बनाइएको छ। यथार्थमा राष्ट्र सांसारिक भइसकेको छ वा छैन, राजतन्त्र समाप्त भए पनि राज्यव्यवस्था गणतान्त्रिक हुन सक्यो वा सकेन, र नेपाल एकात्मक राज्य हो वा संघात्मक बहस जारी छ। नयाँ व्यवस्था भन्नु नै नयाँ नयाँ अभिव्यक्ति एवं तिनका स्वीकार्य परिभाषाहरूको खोज हो। त्यस्तै खोजीको घेराभित्र बाँधिन पुगेको छ सबभन्दा अहम् प्रश्न: नेपाली भनेको के हो? को हो नेपालीय? र यिनै प्रश्नसँग जोडिएर आँउछन कतिपय विवादास्पद अवधारणाहरू। अधिराज्यको अवधारणा राजा रहुञ्जेल स्पष्ट थियो. तर राज्य राष्ट्र राष्ट्रराज्य वा राष्ट्रय आधिराज्य जस्ता संयोजनले जोडिएका अभिव्यक्तिहरू पुन परिभाषित नगरेसम्म नेपालीय हुनलाई पुरा गरिनुपर्ने आवश्यकताहरूको लेखाजोखा गर्न सकिँदैन।

(भाग १)
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· · 4 hours ago via mobile ·
    • Nikhat Khan Bhai Mujhe samjha nahin....per AAp ne achha hi likha hoga
      3 hours ago · · 1
    • Tulasi Prasad Lamsal Uyfm Dhanywad Nikhat ji......
      Ye nepali bhasa me likha hai
      Nepal sarkar ke rajniti se judi kuch bate hain
      jo sachchai hai
      3 hours ago · · 1
    • Nikhat Khan ok
      3 hours ago · · 1
    • Nikhat Khan gr8
      3 hours ago · · 1
    • Jb Rai सीके लाल को नयाँ लेखहरू नपढेको निकै भा'छ मैले!
      3 hours ago · · 1
    • Tulasi Prasad Lamsal Uyfm नमस्कार Jb सर
      मैले पनि भर्खरै एउटा बुक ल्याको छु
      मन परेर status नै लेखीहाले
      3 hours ago · · 1
    • Ranjan Sah Tulasi bhai mere ko lagta hai es book me ck lal sir ka kehna hai nepali 1 jati hai rastriyata nahi.wo thoda ghumake byakt kiye hai.
      2 hours ago · · 1
    • Tulasi Prasad Lamsal Uyfm Hosakta hai Ranjan bhai
      kya aap ne ye Book padha hai
      mujhe to bahot achi lagi
      abhi maine puri kitab nahi padhi hai
      isliye puri baat samajh pani thoda muskil lagraha hai
      2 hours ago ·
    • Ranjan Sah Nepaliya bolke nepali bhasa me koi sabd nahi.nepali pahadi samudai ka pehchan hai madhesi ka nahi sayad issiliye wo rastriyata ka bikalp khoj rahe hai.nepali se nepaliya
      2 hours ago · · 1
    • Ranjan Sah Mai bhi puri tarah se nahi padh paya hu tulasi bhai.
      2 hours ago · · 1
    • Tulasi Prasad Lamsal Uyfm Haan Ranjan Bhai
      aap ki batome sachchai hai
      isi liye main bahot jald iss kitab ko padhlena chaheta hoon
      2 hours ago ·
    • Jb Rai पहाडीया मा पनि निश्चित जात र बर्गका नेत्रित्वहरूले बाँकि सबैलाई अझै पनि अनेपाली बनाइरहेका छन्!
      2 hours ago · · 1
    • Ranjan Sah Ha bhai ye book sabhi ko padhna chahiye es book me ck sir ne 100%sahi likhe hai
      2 hours ago · · 1
    • Tulasi Prasad Lamsal Uyfm त्यो कुन कुन जाती हो Jb सर
      जस्लाई नेपाली मान्यता छैन
      2 hours ago ·
    • Madhesh Andolan Uyfm काठमाडौं, ८ माघ/तर्राई मधेश लोकतान्त्रिक पार्टर्ीी नेता तथा कार्यकर्ताहरुले कान्तिपुर दैनिक जलाएको छ । अनामनगरस्थित हनुमानस्थान चोकमा तमलोपाका भ्रातृ संगठन तर्राई मधेश विद्यार्थी प|mन्टका केन्द्रीय अध्यक्ष सुरेश मण्डलको नेतृत्वमा नेता तथा कार्यकर्ताहरुले कान्तिपुर जलाएका छन् । कान्तिपुर दैनिकमा आजको अंकमा 'आपत्तिजनक सम्झौता प्रति' शर्ीष्ाक लेखमा एकजना लेखकले मधेशका मुख्य नेताहरु खासगरी तमलोपाका अध्यक्ष महन्थ ठाकुर, सद्भावना अध्यक्ष राजेन्द्र महतोलगायतलाई सीमापारिको भनी विदेशी भारतीय देखाउन खोजिएको प्रति गम्भीर ध्यानाकर्षा भएको छ ।
      नेपालको विभिन्न परिवर्तनहरुमा निर्ण्ाायक भूमिका निर्वाह गरेका मधेशी समुदायको गौरवपर्ूण्ा इतिहास तर, आन्दोलनको सफलतापछि अधिकार प्राप्तिको समयमा मधेश र मधेशी माथि कहिले राष्ट्रघाती त कहिले विदेशीको आरोप परिवर्तनका विरोधी तत्वहरुबाट समय-समयमा लगाउँदै आएको छ । कान्तिपुरद्वारा समय-समयमा मधेश र मधेशी जनताप्रति आक्रमण हुँदै आएको भएपनि यसापालि उक्त पत्रिकाले अक्षम्य अपराध गरेको र घोर भर्त्सना समेत गरेको प्रेस विज्ञप्ति जारी गरी जनाइएको छ । साथै आगामी दिनमा यस्ता मधेश विरोधी क्रियाकलाप नरोके मधेशमा बहिष्कार गर्नुका साथै बिक्री वितरणमा समेत रोक लगाउने चेतावनी दिएका छन् ।